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garden ki tuti haddi ka ilaaj— गर्दन की टूटी हड्डी (फैक्चर) कारण,लक्षण,और बचाओ

हाथ और पैर की हड्डी की तरह गर्दन में भी फैक्चर हो सकता है गर्दन की टूटी हाड़ी (फैक्चर) बहुत ज्यादा गंभीर होता है क्योंकि हमारी गर्दन कमर से और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हुई होती है इसलिए जब भी हमारी गर्दन में झटका आता है तो उसका दर्द गर्दन के साथ-साथ हमारे रीड में भी दर्द होता है और सूजन भी होने लगती है ज्यादा वजन उठा लेने या फिर एक्सीडेंट हो जाने के कारण हमारी गर्दन की हड्डी टूटना फैक्चर का होना स्वाभाविक हो जाता है इससे बचने के लिए आपको सावधानियों की जरूरत होती है।

हम आपको इस लेख में बताएंगे गर्दन की हड्डी के फैक्चर का इलाज कैसे होता है और यह हड्डी क्यों टूट जाती है और इसके क्या कारण होती हैं और इसके बचाओ किस प्रकार से हम अपने दैनिक जीवन में कर सकते हैं।

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garden ki tuti haddi ka ilaaj—गर्दन की टूटी हड्डी का इलाज

गर्दन की जब भी हड्डी टूट जाए जब फैक्चर हो जाए तो आप सबसे पहले डॉक्टर के पास है जाइएगा डॉक्टर आपसे दर्द के बारे में पूछेगा और पूछेगा आपके यह चोट कैसे लगी है और गर्दन के आसपास की मांसपेशियों के दर्द के बारे में पूछ लेगा यह सब क्रिया करने के बाद डॉक्टर अपनी कुछ जांच करेगा जांच के बाद में आपको कुछ ऐसे टेस्ट करवाने के लिए बोलेगा जिससे आप की हड्डी के फैक्चर के बारे में पता लग जाए जैसे..

एक्स रे –डॉक्टर गर्दन और गर्दन की टूटी हुई हड्डी को आसानी से देखने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है जिससे डॉक्टर को भलीभांति और साफ साफ दिख जाता है कि फैक्चर गंभीर प्रकार का हुआ है या फिर हड्डी में बाल आया है एक्स-रे के द्वारा ही डॉक्टर पता लगा पाता है कि हड्डी को किस तरीके से स्टेबल किया जाना चाहिए।

CT स्कैन या एमआरआई—– गर्दन के अंदर होने वाले फैक्चर और गर्दन की मांसपेशियों में होने वाली क्षति को अच्छी तरह जांचने के लिए सिटी स्कैन या एमआरआई का इस्तेमाल किया जाता है फोटो में आपकी गर्दन की हड्डियां एवं मांसपेशियों की जांच अच्छी तरह दिख जाए इसके लिए डॉक्टर आपको कॉन्ट्रास्ट लिक्विड देता है यदि आपको कॉन्ट्रास्ट लिक्विड से एलर्जी है तो पहले ही डॉक्टर को इस बारे में बता दें।

सर्जरी–सिटी स्कैन m.r.i. और एक्स-रे करने के बाद डॉक्टर सर्जरी करता है टूटी हुई हड्डी को ठीक प्रकार से एडजस्टमेंट करने की कोशिश करता है याद रखें अगर आपकी गर्दन की हड्डी टूट गई है तो उसको स्वयं एडजस्टमेंट करने की कोशिश ना करें यह काम कब तक पर छोड़ दें डॉक्टर एडजस्टमेंट करके उसका अच्छे तरीके से ट्रीटमेंट करता है

थेरिपी–गर्दन की टूटी हड्डी (fecture)के लिए आपको फिजियोथैरेपिस्ट से कंसल्ट करना पड़ेगा फिजियोथैरेपिस्ट आपकी गर्दन की टूटी हड्डी की अच्छी तरह थेरेपी करता है जिससे आपकी गर्दन के अंदर की नशे ब्लॉक हुई हुई होती हैं उनको आसानी से खोल देता है और गर्दन के फैक्चर को अच्छी तरह इलाज कर देता है और आपको सूजन और गर्दन के दर्द से अच्छी तरह राहत प्रदान करता है ।

रीड की टूटी हड्डी का इलाज

गर्दन की टूटी हड्डी (फैक्चर)का घरेलू ईलाज

गर्दन की टूटी हड्डी को डॉक्टर जब अच्छी तरह से सर्जरी सिटी स्कैन और एमआरआई करने के बाद डॉक्टर हड्डी को अच्छी तरह स्टेबल कर देता है उसके बाद आप अपने घर पर कुछ घरेलू नुस्खे भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिनसे आपकी गर्दन की टूटी हड्डी फैक्चर को अच्छी तरह और जल्दी जोड़ने में मदद करते हैं और हड्डियों को मजबूती प्रदान करती हैं दर्द और सूजन से अच्छी तरह राहत मिलेगी।

अरंडी या जैतून का तेल लगाएं गर्दन पर–गर्दन की टूटी हड्डी फैक्चर को अच्छी तरह जोड़ने और दर्द और सूजन को कम करने के लिए आपको अरंडी या जैतून का तेल लगाने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है आपको अरंडी या जैतून का तेल किस तरह इस्तेमाल करना है और किस तरीके से मालिश करनी है आपको सबसे पहले अरंडी या जैतून का तेल ले लेना है उसको हल्की आंच पर गुनगुना करके धूप में बैठकर अपने गर्दन के ऊपर प्रभावित हिस्से पर हल्के हल्के हाथों से मालिश करने से आपकी गर्दन की टूटी हड्डी का दर्द और सूजन आसानी से ठीक हो जाएगा ।

कैल्सियम युक्त पदार्थ का सेवन करे –गर्दन की टूटी हुई हड्डी फैक्चर को अच्छी तरह ठीक करने के लिए आपको कैल्शियम युक्त पदार्थों का सेवन करना लाजमी है जिस प्रकार दूध छाछ दही और हरी सब्जियां पालक गोभी साग आदि और ड्राई फ्रूट में आपको बादाम मुनक्का आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर के अंदर कैल्शियम की मात्रा अच्छी तरह से सूटेबल मात्रा में हो जाए जिससे कि आपकी गर्दन की टूटी हुई हड्डी फैक्चर को जुड़ने में आसानी हो।

गर्दन में फ्रैक्चर का कारण क्या है?

हमारे द्वारा की गई लापरवाही हमारी गर्दन में फैक्चर का कारण बनती है गलत तरीके से ड्राइविंग करने से एक्सीडेंट हो जाने से भी हमारी गर्दन में फैक्चर हो जाता है और अपनी गर्दन पर भारी वजन रखने के कारण भी हमारे फैक्चर होने का सबसे बड़ा कारण होता है हमारे गलत तरीके से लेटने से भी हमारी गर्दन में झटका आ जाता है और मांसपेशियों की जाती हैं जिसके कारण हमारी गर्दन में सूजन और दर्द होने लगता है कभी-कभी यह स्थिति इतनी भी बढ़ जाती है कि गलत तरीके से सोने से हमारी garden ki हड्डी में फैक्चर होने की संभावना भी हो जाती है।

गर्दन की हड्डी टूट जाए तो क्या होता है?

गर्दन की हड्डी टूट जाने के बाद हमारे कथन के दाएं और बाएं का हिस्सा बिल्कुल नीला हो जाता है सूजन बहुत ज्यादा मात्रा में हो जाती है दर्द के कारण आवाज भी नहीं निकलती गंभीर स्थिति होने के कारण सांस भी रुक सकती है एक डॉक्टर से बातचीत के दौरान हमने जाना की टूटी हुई हड्डी जैसे गर्दन की टूटी हुई हड्डी जागरण की टूटी हुई हड्डी को अच्छी तरह जोड़ने एवं स्टेबल करने के लिए माइक्रोस्कोप टेक्निक क इस्तेमाल किया जाता है जैसे हड्डी को अच्छी तरह जोड़ने पंच प्लेट या रोड लगाने में आसानी होती है ।

गर्दन की टूटी हुई हड्डी कितने दिनों में जुड़ जाती है?

गर्दन की टूटी हुई हड्डी के छोड़ने का कोई स्टेबल टाइम टेबल एवं समय नहीं होता है डिपेंड करता है कि हड्डी गंभीर तरीके से टूटी है या फिर साधारण सामान्यता हड्डी में फैक्चर हुआ है अगर गर्दन की हड्डी गंभीर तरीके से फैक्चर हुई है तो हड्डी को जुड़ने मे लगभग 4 से 5 month का टाइम लग सकता है अगर गर्दन की हड्डी में साधारण फैक्चर हुआ है तो 2 से 3 महीने का टाइम लग सकता है ।

गर्दन में चोट लगने से क्या होता है?

गर्दन में चोट लग जाने के बाद आपकी गर्दन दाएं और बाएं को बिल्कुल भी नहीं घूमती है दर्द और सूजन इतनी ज्यादा मात्रा में बढ़ जाता है कि आपको खाना खाने पानी पीने में भी काफी असमर्थता का सामना करना पड़ता है गर्दन में चोट लग जाने के साथ-साथ आपकी गर्दन की मांसपेशियों में भी अकड़न आ जाती है और दुर्घटनाग्रस्त स्थिति में आपकी गर्दन की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है।

गर्दन का ऑपरेशन कैसे होता है?

गर्दन का ऑपरेशन करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर माइक्रोस्कोप टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं इसके तहत पहले मुंह के अंदर इंस्ट्रूमेंट डालकर बढ़ी हुई हड्डी को काटा जाता है और दूसरी बार के ऑपरेशन के दौरान गर्दन के पीछे ऑपरेशन करके रॉड-स्क्रू के जरिए जोड़ा जाता है। गर्दन का ऑपरेशन बड़ी ही सावधानी पूर्वक किया जाता है ताकि मरीज को कठिनाई का सामना नही करना पड़े ।

नोट: आपके गर्दन की हड्डी टूटी फैक्चर होने की स्थिति में आप स्वयं इलाज नहीं करें और ना ही अपनी हड्डी को स्टेबल करने की कोशिश करें यह सब काम डॉक्टर पर छोड़ देना चाहिए डॉक्टर अपनी तकनीक के हिसाब से आपकी हड्डी को जोड़ने का काम करेगा अन्यथा की स्थिति में आप मूर्खतापूर्ण काम करेंगे और आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है।

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